कालिका पुराण | Kalika Puran

- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ पौराणिक / Mythological
- लेखक: चमनलाल गौतम - Chamanlal Gautam
- पृष्ठ : 475
- साइज: 6 MB
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दो शब्द :
कालिका पुराण का सारांश इस प्रकार है: कालिका पुराण एक महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें देवी कालिका के बारे में वर्णन किया गया है। इस ग्रंथ में देवी की उत्पत्ति, उनके प्रभाव, और विभिन्न कथाएं शामिल हैं। इसकी कथा का आरंभ कामदेव की उत्पत्ति से होता है, जिसके बाद देवी की शक्ति और उनके कार्यों का वर्णन किया गया है। इसमें विभिन्न देवी-देवताओं के बीच संवाद, यज्ञों का आयोजन, और सती की कथा का उल्लेख है। इस पुराण में यह भी बताया गया है कि कैसे ब्रह्मा और शिव के बीच संवाद होता है और कैसे देवी की आराधना की जाती है। देवी कालिका की महिमा का वर्णन करते हुए इसमें उनके भक्तों के लिए उपदेश और निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा, ग्रंथ में प्रलय, सृष्टि और योग की विधियों का भी विस्तार से वर्णन किया गया है, जो भारतीय धर्म और तत्त्वज्ञान की गहरी समझ प्रदान करता है। इस पुराण में यह भी स्पष्ट किया गया है कि देवी की कृपा से भक्तों को सभी प्रकार की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। इसके माध्यम से भक्तों को यह प्रेरणा मिलती है कि वे देवी की आराधना करें और अपने जीवन में सकारात्मकता लाएं। यही कारण है कि कालिका पुराण का विशेष महत्व है, और यह भक्तों के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है।
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