मद्वाल्मिकी रामायण | Madvalmiki Ramayaṇ

By: महर्षि वाल्मीकि - Maharshi valmiki


दो शब्द :

इस पाठ में रावण और सीता के बीच संवाद का वर्णन किया गया है। रावण, जो राक्षसों का राजा है, सीता को धमकी देता है और उसे अपमानित करता है। वह अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए बताता है कि वह सीता को सूर्य की रोशनी की तरह नष्ट कर सकता है। रावण का रूप और उसकी शक्ति का वर्णन किया गया है, जिसमें उसे एक भव्य और शक्तिशाली स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। सीता, जो कि धर्म की प्रतीक हैं, रावण की बातों का सामना करती हैं और उसकी बुरी नीयत को पहचानती हैं। रावण अपने अनुचरों को आदेश देता है कि वे सीता को पकड़ें और उसे उसके साथ लाने का प्रयास करें। पाठ में रावण की क्रूरता और सीता की दृढ़ता का स्पष्ट चित्रण है। सारांश में, यह पाठ रावण के दुष्टता और सीता की साहसिकता को दर्शाता है, जिसमें रावण अपनी शक्ति का प्रयोग करता है और सीता अपने धर्म और सम्मान के लिए खड़ी रहती हैं।


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