वंश भास्कर | Vansh Bhaskar

- श्रेणी: इतिहास / History साहित्य / Literature
- लेखक: चन्द्र प्रकाश देवल - Chandra Prakash Deval
- पृष्ठ : 643
- साइज: 42 MB
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दो शब्द :
"वंश भास्कर" एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसे सूर्यमल्ल मीसण ने लिखा है। यह ग्रंथ भारतीय इतिहास, खासकर चहुवान वंश की कथा को प्रस्तुत करता है। इसमें विभिन्न मयूखों के माध्यम से चहुवान वंश के कई राजाओं, उनके जन्म, विवाह, युद्ध और उपलब्धियों का वर्णन किया गया है। ग्रंथ के पहले खंड में अग्निवंशी चहुवान वंश का वर्णन है, जिसमें माणिक्यराज के पुत्रों का जन्म और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। इसके बाद के खंडों में विभिन्न राजाओं की कहानियाँ शामिल हैं, जैसे संग्रामसिंह का राज्याभिषेक, विक्रमादित्य का जीवन, और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों का उल्लेख है। ग्रंथ में राजा विक्रमादित्य के समकालीन कई घटनाओं का वर्णन किया गया है, जैसे उनके युद्ध, दान, और धार्मिक गतिविधियाँ। इसके अलावा, ग्रंथ में चहुवान वंश की शाखाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है, जिसमें विभिन्न रानियों से विवाह, संतानों का जन्म, और उनके वंशजों की उपलब्धियाँ शामिल हैं। सूर्यमल्ल मीसण ने इस ग्रंथ के माध्यम से ना केवल चहुवान वंश का इतिहास प्रस्तुत किया है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और समाज के विभिन्न पहलुओं का भी चित्रण किया है। इस प्रकार, "वंश भास्कर" एक ऐतिहासिक और साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो चहुवान वंश के गौरवमयी इतिहास को उजागर करता है।
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