प्राचीन भारत का राजनैतिक इतिहास | Prachin Bharat ka Rajnaitik Itihas

- श्रेणी: इतिहास / History भारत / India
- लेखक: हेमचन्द्र राय चौधरी - Hemchandra Rai Chaudhary
- पृष्ठ : 637
- साइज: 20 MB
- वर्ष: 1971
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस ग्रंथ का उद्देश्य प्राचीन भारत के राजनीतिक इतिहास को परीक्षित के राज्यारोहण से लेकर गुप्त-वंश के अंत तक प्रस्तुत करना है। लेखक ने समसामयिक इतिहासकारों की एक प्रवृत्ति पर ध्यान दिया है, जिन्होंने भारत के युद्धों से बौद्धमत के विकास तक के ऐतिहासिक तथ्यों को उचित कालानुक्रम में प्रस्तुत नहीं किया। इसलिए लेखक ने इस प्रयास में उन तथ्यों को एकत्र किया है जो पहले उपेक्षित रहे हैं, खासकर भरतोत्तर काल को शामिल किया है। ग्रंथ को दो भागों में विभाजित किया गया है। पहले भाग में वैदिक, महाकाव्यात्मक, पौराणिक, जैन, बौद्ध और ब्राह्मण साहित्य के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर राजनीतिक उतार-चढ़ाव का वर्णन किया गया है। दूसरे भाग में बिम्बिसार से गुप्त-सम्राटों तक के काल का इतिहास है, जिसमें चिकित्सक स्मिथ द्वारा प्रस्तुत सामग्री से भी अधिक जानकारी दी गई है। लेखक ने प्राचीन भारत के कवियों और मनीषियों के राजनीतिक दृष्टिकोण को उजागर किया है। लेखक ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह ग्रंथ भारत के सभी प्रांतों और राज्यों के राजनीतिक इतिहास का व्यापक विवरण नहीं है, बल्कि मुख्य रूप से उन साम्राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिनका देश की राजनीतिक घटनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव रहा। पुस्तक में स्थानीय महत्त्व के राजवंशों का उल्लेख किया गया है, लेकिन गुप्त-काल के बाद के घटनाक्रम को भी सम्मिलित किया गया है। लेखक ने प्राचीन राजवंशों की विश्वसनीयता को लेकर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है और विभिन्न शिलालेखों के अध्ययन के माध्यम से नई सामग्री प्रस्तुत की है। ग्रंथ की भाषा सरल और प्रवाहपूर्ण है ताकि यह विद्यार्थियों के लिए सुगम हो सके। अंत में, लेखक ने यह स्वीकार किया है कि प्राचीन भारत के राजनीतिक इतिहास के कई पहलुओं पर अभी भी अंधकार छाया हुआ है, और इस दिशा में अध्ययन जारी है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.