भारत का सांस्कृतिक इतिहास | Bharat Ka Sanskritik Itihas

By: प्रो-ए एस एम चंद - Prof S M Chand


दो शब्द :

इस पाठ में भारत की सांस्कृतिक इतिहास का विस्तृत और रोचक वर्णन किया गया है। लेखक प्रोफेसर एस.एम. चाँद ने संस्कृति को जीवन का अभिन्न हिस्सा बताया है, जो समय के साथ बदलती रहती है। संस्कृति मानव के व्यवहार, ज्ञान और विवेक का निर्माण करती है और समाज के सामाजिक व्यवहारों को निर्धारित करती है। भारतीय संस्कृति का इतिहास हजारों वर्षों का है, जिसमें प्राचीन और नवीन परंपराओं का समन्वय देखने को मिलता है। लेखक ने भारतीय संस्कृति को एकता और विविधता का प्रतीक बताया है। स्वतंत्रता के बाद, राष्ट्रीय एकता और धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण से भारतीय इतिहास का अध्ययन आवश्यक हो गया है। पुस्तक में भारतीय इतिहास के विभिन्न पहलुओं - राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक - का क्रमिक विकास प्रस्तुत किया गया है। यह पाठ सरल और उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे पाठक आसानी से समझ सकें। सांस्कृतिक इतिहास के अध्ययन से यह ज्ञात होता है कि सभ्यता और संस्कृति के बीच गहरा संबंध है। सभ्यता को मानव विकास की पहली सीढ़ी माना गया है, जबकि संस्कृति जीवन के आंतरिक पहलुओं को दर्शाती है। संस्कृति के विभिन्न तत्व, जैसे साहित्य, भाषा, धर्म, और सामाजिक संरचना, मानव जीवन को समृद्ध बनाते हैं। इस ग्रंथ में भारतीय संस्कृति की विशेषताओं, धार्मिक विचारों, और सामाजिक संरचनाओं का भी उल्लेख किया गया है। शिक्षा, कला, और साहित्य के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को उजागर किया गया है। लेखक ने पुनर्जागरण, भक्ति आंदोलन, और आधुनिक युग के प्रभावों की भी चर्चा की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय संस्कृति ने समय के साथ किस प्रकार विकसित एवं परिवर्तित हुई है। अंत में, लेखक भारत की सांस्कृतिक विरासत और इसके महत्व को रेखांकित करते हैं, जो न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि समस्त मानवता के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।


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